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प्रादेशिक

कानपुर गोलीकांड के बाद यूपी पुलिस ने बनाई 30 टॉप मोस्ट अपराधियों की लिस्ट

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कानपुर। कानपुर गोलीकांड से सबक लेते हुए यूपी पुलिस ने प्रदेश के 33 टॉप मोस्ट अपराधियों की लिस्ट बनाई है। सीएम योगी की पुलिस ने ये अपराधियों की ये लिस्ट तब बनाई है जब कानपुर गोलीकांड को लेकर वह सवालों के घेरे में है।

इस लिस्ट में मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, ब्रजेश सिंह, सुंदर भाटी, अनिल दुजाना, अनिल भाटी, अमित कसाना, उमेश राय, बब्बू श्रीवास्तव जैसे अपराधियों का नाम है। इसके अलावा इस लिस्ट में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा और सुशील उर्फ मूंछ के नाम भी शामिल किए गए हैं।

बता दें कि कानपुर से सटे चौबेपुर के बिकरु गांव में शुक्रवार को तड़के पुलिस और विकास दुबे गिरोह के बीच हुए एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में गिरोह के दो हमलावर भी मारे गए हैं जबकि विकास दुबे फरार हो गया। विकास के खिलाफ कानपुर के थाने में 60 एफआईआर दर्ज है।

#kanpur #uppolice #vikasdubey

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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