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प्रादेशिक

बिहार: सुशांत की मौत से सदमे में आए युवक-युवती ने कर ली आत्मत्या

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पटना। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद लोग बस एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर अपने करियर में लगातार ऊंचाइयां देख रहा इंसान कैसे ऐसा कदम उठा सकता है। वहीँ सुशांत के इस कदम के बाद उनके फैंस को गहरा सदमा लगा है। इसी से आहत होकर बिहार में एक युवक और युवती ने आत्महत्या कर ली।

पहली घटना पटना से जुड़ी हुई है, जहां कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर स्थित रोड नंबर 12 में 17 साल की युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। युवती के परिजनों ने बताया कि सुशांत की आत्महत्या के बाद बेटी सदमें में चली गई थी। वह टीवी पर लगातार सुशांत से जुडी हुई ख़बरें ही देख रही थी। इसी के बाद उसने ये कदम उठा लिया।

आत्महत्या की दूसरी घटना नालंदा की है जहां एक छात्र द्वारा खुदकुशी करने का मामला सामने आया है. गौतम नाम के इस युवक के चाचा ने बताया कि वह सुशांत की मौत के बाद से काफी टूट गया था। उसने इस घटना को अंजाम देने से पहले अपने दोस्तों के साथ सुशांत सिंह की हिट फिल्म एम एस धोनी अनटोल्ड स्टोरी देखी जिसके बाद मंगलवार की सुबह ही वो अपने निर्माणाधीन मकान में गया और फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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