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नेशनल

जवानों की हत्या पर राहुल गांधी का ट्वीट, प्रधानमंत्री जी आप चुप क्यों हैं

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नई दिल्ली। सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात चीन सेना ने धोखे से भारतीय सेना के 20 जवानों को मार दिया। इस दौरान भारतीय जवानों ने भी वीरता का परिचय देते हुए चीन के 40 से अधिक सैनिकों को ढेर कर दिया। भारत ने अपने शहीद हुए जवानों की संख्या पहले ही बता दी थी जबकि चीन अपने जवानों के मारे जाने की खबर को छुपा रहा था। जिनपिंग सरकार इस नुकसान को इसलिए नहीं बता रही थी क्योंकि वह चीन की जनता के सामने शर्मिंदा महसूस नहीं करता चाहती है। हालांकि अब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि भारतीय सेना के साथ झड़प में चीन के भी कई सैनिक ढेर हो गए हैं।

इन सबके बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को यह जानने की जरूरत है कि वास्तव में वहां क्या हो रहा था। राहुल ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री चुप क्यों है? वह क्यों छिप रहे हैं? बस बहुत हो गया। हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ है? चीन ने हमारे सैनिकों को कैसे मारा? हमारी जमीन लेने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?

कांग्रेस ने कहा, कभी सोचा है कि एक मुखर आदमी जो हर मुद्दे पर (पिछली) सरकार पर सवाल उठाने में कभी नाकाम नहीं रहा, वह अब पूरी तरह से चुप है? क्योंकि, अब वह अपनी सारी विफलताओं के लिए किसी और को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने भी सीमा मुद्दे पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मंगलवार शाम को पूछा, पीएम ने 5 मई से एक चिंताजनक चुप्पी बनाए रखी है। क्या आप सरकार के किसी अन्य प्रमुख को लेकर कल्पना कर सकते हैं कि 7 सप्ताह से देश में विदेशी सैनिकों की घुसपैठ के बाद से एक शब्द भी नहीं कहा गया है?

बता दें कि 10 जून को भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, चीनी लोग लद्दाख में हमारे क्षेत्र में चले गए हैं और इस बीच पीएम बिल्कुल चुप हैं और ²श्य से गायब हैं। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में अधिकारियों सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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