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प्रादेशिक

9 जून से खुलेगा लखनऊ का चिड़ियाघर, करना होगा इन नियमों का पालन

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लखनऊ। कई महीनों से बंद लखनऊ के चिड़ियाघर को एक बार फिर से खोलने की तैयारी चल रही है। नौ जून चिड़ियाघर लोगों के लिए खोल दिया जाएगा लेकिन इस बार सबकुछ पहले जैसा नहीं बल्कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से बदला-बदला सा नजर आएगा। इसके लिए नए नियम बनाए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है। अभी केवल ऑनलाइन टिकट से ही प्रवेश मिलेगा।

लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह जूलोजिकल गार्डन के निदेशक आर के सिंह ने कहा, “टिकट के लिए अब वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग होगी और मानव संपर्क को कम करने के लिए एहतियात के तौर पर टिकट खिड़की बंद रहेगी।”

एंट्री के लिए समय को भी दो घंटे की अवधि के साथ तीन भागों में बांटा जाएगा, ताकि आगंतुकों के अगले बैच से पहले सैनिटाइजेशन प्रक्रिया की जा सके। एक समय के स्लॉट में प्रवेश की अनुमति सिर्फ 500 लोगों को दी जाएगी।

इसके अलावा, सभी आगंतुकों को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा, मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और चिड़ियाघर के अंदर केवल पानी की बोतलों को ले जाने की अनुमति होगी।

निदेशक ने कहा, “जनता की सुरक्षा के लिए टॉय ट्रेन, बैटरी से चलने वाले वाहन, फूड कोर्ट, कैंटीन, स्मारिका दुकान, अन्य क्षेत्र फिलहाल बंद रहेंगे, लेकिन सभी के देखने और आनंद लेने के लिए वहां जानवर रहेंगे।”

बच्चों के लिए बड़ी निराशा की बात यही है कि 10 साल से कम उम्र के बच्चों को चिड़ियाघर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं का प्रवेश भी वर्जित है।

 

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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