प्रादेशिक
बेंगुलरु में लोगों को सुनाई दी रहस्यमई आवाज, जांच में जुटा प्रशासन
नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से पूरे देश में इस समय लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। इस बीच बेंगलुरु से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां बुधवार को लोगों ने एक अजीबोगरीब तेज अवाज सुनी और उसके बाद धरती कुछ सेकंड तक कांपने लगी।
अधिकारी से लेकर आम लोगों तक को समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार इतनी भयावह और तेज आवाज किस चीज से निकली। करीब 5-7 सकेंड तक लगातार आने वाली इस आवाज से वहां के लोग सकते में हैं और कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
बुधवार को दोपहर के समय बेंगलुरु में करीब 20 किलोमीटर के दायरे में लोगों ने तेज आवाज सुनी। पहले तो लोगों को लगा कि भूकंप की वजह से कोई हादसा हुआ जिससे ये आवाज निकली है।
लेकिन प्रशासन ने किसी भूकंप से पूरी तरह इनकार कर दिया। इसके बाद लोग हालांकि इस रहस्यमयी आवाज को लेकर अब अधिकारी हरकत में आ गए हैं और वायुसेना और एचएएल कंपनी से संपर्क किया है। उनके जवाब का इंतजार किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक इस आवाज को करीब 21 किलोमीटर के दायरे में सुना गया है।
जानकारी के मुताबिक ये आवाज ईस्ट बेंगलुरु की तरफ से आई थी। ये इलाका बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास का है। आवाज आने के बाद पूरे इलाके को खंगाला जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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