Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

गुजरात में 395 नए केस आए सामने, संख्या बढ़कर 12 हजार के पार पहुंची

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मामले भारत में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में गुजरात का नाम भी शामिल है। मंगलवार को यहां कोरोना संक्रमण के 395 नए मामले सामने आए।

इसी के साथ गुजरात में कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 12141 हो गई है। साथ ही और 25 संक्रमितों की मौत हो जाने से कुल मौतों की संख्या 719 तक पहुंच गई।

लॉकडाउन के चौथे चरण में नियमों में थोड़ी ढील दिए जाने से इस राज्य में भी आर्थिक गतिविधियां बहाल हो गई हैं और बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही शुरू हो चुकी है, मगर इस बीच कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने लोगों और प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी है।

स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, संक्रमित मामलों की कुल संख्या के 70 फीसदी से ज्यादा मामले अहमदाबाद के हैं, जहां मंगलवार को 262 मामले सामने आए। मंगलवार को कच्छ जिले में कोरोना संक्रमण के 21 मामले सामने आए, जबकि इससे पहले इस जिले में कोरोना का कोई मामला नहीं था।

कोरोना संक्रमितों के मामले में अहमदाबाद के बाद दूसरा स्थान सूरत का है, जहां 29 मामले सामने आए हैं। वडोदरा में 18, गांधीनगर में 10, जामनगर व सांबरकाठा में 7-7, मेहसाना और सुरेंद्रनगर में 5-5, खेड़ा, पाटन और भरूच में 4-4 मामले सामने आए हैं। इसी तरह गिर-सोमनाथ और जूनागढ़ में 3-3 तो भावनगर व राजकोट में 2-2 और अरावली, छोटा उदयपुर व तापी में एक-एक मामला सामने आया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending