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नेशनल

कोरोना वायरस की वैक्सीन पर अमेरिका को मिली बड़ी कामयाबी, सफल रहा मानव ट्रायल

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस दुनियाभर में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। अब तक इस बीमारी से 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया के कई देश इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगे हैं।

लेकिन किसी के भी हाथ कोई ठोस नतीजा नहीं लगा है। इस बीच अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना ने एक खुशखबरी दी है। कंपनी का दावा है कि 8 लोगों की दी गई दवा के डोज के नजीजे अच्छे आए हैं।

अमेरिका की यह पहली वैक्सीन है जिसका टेस्ट लोगों पर किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका की यह पहली वैक्सीन है जिसका ट्रायल इंसानों पर किया गया। मार्च के शुरुआत में आठ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी। सभी लोगों को वैक्सीन के 2 डोज दिए गए थे।

दवा कंपनी का कहना है कि वैक्सीन सुरक्षित मालूम पड़ती है और वायरस के खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती नजर आती है। कंपनी के इस दावे के बाद शेयर बाजार में उसके स्टॉक के दाम में काफी उछाल देखने को मिला।

हालांकि, कंपनी ने ट्रायल के दौरान सिर्फ स्वस्थ वॉलेंटियर्स को वैक्सीन की खुराक दी थी। इन लोगों के शरीर में जो एंटीबॉडी मिले, लैब में इंसानों के सेल्स पर उनका परीक्षण किया गया। इस दौरान देखा गया कि एंटीबॉडी वायरस को बढ़ने से रोक पा रहे हैं।

वैक्सीन दिए जाने के बाद लोगों में एंटीबॉडीज का जो स्तर पाया गया वह करीब उतना ही था जितना कि कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों में होता है। हालांकि, वैक्सीन के बारे में अब तक सीमित जानकारी होने की वजह से अब भी इसके सफल होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

मानव ट्रायल के पहले फेज में मिली सफलता के बाद कंपनी अब दूसरे चरण में 600 लोगों पर इस दवा का ट्रायल करने जा रही है। इसके बाद तीसरे चरण में कंपनी का हजार से ज्यादा लोगों पर ट्रायल करने का इरादा है। कंपनी का कहना है कि परिणाम अगर सकारात्मक रहते हैं तो साल के अंत या अगले साल की शुरूआत तक यह वैक्सीन बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो सकती है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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