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प्रादेशिक

बिहार में कोरोना के बढ़े मामले, 1326 हुई संख्या

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पटना। बिहार में कोरोना वायरस के केस अब बढ़ते चले जा रहे हैं। राज्य में सोमवार को 6 नए मामले सामने आए। इसी के साथ बिहार में कुल कोरोना पीड़ितों की संख्या 13,26 हो गई है।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि सोमवार को 6 लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिसमें सहरसा में 3, सुपौल, खगड़िया और बेगूसराय में एक-एक मरीज हैं।

बिहार में रविवार को 142 लोगों के कोराना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, जिससे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,320 तक पहुंच गई थी। राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण से 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 475 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होकर वापस घर लौट गए हैं।

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या में अब तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले आठ दिनों में अधिकतर संक्रमित बाहर से लौटने वाले प्रवासी मजदूर हैं।

रविवार को राज्य में सबसे अधिक पटना जिले में 58 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गये थे। कोरोना संक्रमण के मामले में बिहार के सर्वाधिक प्रभावित जिला पटना में अब तक रिकॉर्ड 164 मामले सामने आ चुके हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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