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प्रादेशिक

कोरोना संकट में जेल कैदियों को मिला ये बड़ा तोहफा

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लखनऊ। …देखिए मैं जेल से बोल रहा हूँ….मैं जेलर के सामने बात कर रहा हूँ,…इस नंबर पर पलट कर कॉल मत करना…यह फ़ोन सिर्फ हमारे बात करने के लिए है…इसके बाद बंदियों की परिजनों से बात शुरु होती है… कोरोना वायरस ने जेल मे बंदियों को उनके परिजनो से फोन पर बात कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

ऐसा तब हो रहा है जब जेलों में मोबाइल से बात कराना तो दूर की बात मोबाइल का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। यही नहीं जेल प्रशासन ने बंदियों को डिप्रेशन से बचाने के लिए दैनिक उपयोग की वस्तुए व पैसा पहुचाने के लिए भी व्यापक इंतजाम किये है। यदि आपका कोई परिचित, मित्र या सहयोगी जेल में बंद है तो आप इस माध्यम से मदद कर सकते है।

कोरोना संक्रमण के चलते इनदिनों  प्रदेश की जेलों में बंदियों की मुलाकात व्यवस्था को पूरी तरह से बंद है। इस बंदी के दौरान परिजनों से मुलाकात नही होने के कारण बन्दी डिप्रेशन (अवसाद) में न चला जाए इसके लिए जेल प्रशासन ने बंदियों की परिजनो फ़ोन पर बात कराने की व्यवस्था की है।

राजधानी जिला जेल के जेलर एके मिश्रा बताते है जेल में एक पीसीओ लगा हुआ है। बंदियों की संख्या अधिक होने की वज़ह से प्रत्येक सर्किल के डिप्टी जेलर को सरकारी फ़ोन दिया गया है। वह बन्दी की फ़ोन का स्पीकर खोलकर बात कराते है।

बन्दी पहले बोलता है कि वह जेल से जेलर के सामने बात कर रहा है..इस फ़ोन पर पलट कर फ़ोन मत करना…यह फ़ोन हमारे बात करने के लिए है…इसके बाद वह दो मिनट परिजनों से बात करता है।

इसके साथ ही बाहर से बंदियों के लिये आने वाले सामान को सेनेटाइज करके जेल में लिया जाता है। 48 घंटे बीतने के बाद वह सामान बंदियों को दिया जाता है।

बंदियों को अवसाद से बचाने के प्रदेश की लगभग सभी जेलों में बंदियों की परिजनों से बात कराने के लिए फोन की व्यवस्था की गई है। जिन जेलों में बंदियों की संख्या कम है वहां पीसीओ के माध्यम से बात कराई जाती है। जहां अधिक हैं वहां सरकारी फोन से दो से पांच मिनट बात कराई जाती है।

रिपोर्ट- राकेश यादव

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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