नेशनल
विजय माल्या को ब्रिटने की हाई कोर्ट ने दिया झटका, 28 दिनों में लौट सकता है भारत
नई दिल्ली। देश का 9 हजार करोड़ लेकर फरार हुए करोबारी विजय माल्या मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। ब्रिटने हाई कोर्ट ने गुरूवार को माल्या को तगड़ा झटका दिया।
ब्रिटने उच्च न्यायालय ने माल्या की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने की याचिका खारिज कर दी। अदालत के इस फैसले के बाद माल्या के अब कोई विकल्प नहीं बचे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब 28 दिनों के अंदर उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। बता दें कि अदालत में याचिका खारिज होने के बाद लंदन होम ऑफिस प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करेगा। अब माल्या के पास इंग्लैंड में कोई भी कानूनी रास्ता नहीं बचा है। हाई कोर्ट पहले ही प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की याचिका खारिज कर चुका है।
बता दें कि कोर्ट के इस आदेश से पहले शराब कारोबारी विजय माल्या ने कोरोना संकट पर पीएम नरेंद्र मोदी के आर्थिक राहत पैकेज के ऐलान पर केंद्र सरकार की तारीफ की थी।
विजय माल्या अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, ‘मैं सरकार को कोरोना वायरस संकट के बीच रिलीफ पैकेज की बधाई देता हूं। वो जितना पैसा छापना चाहें छाप सकते हैं, लेकिन उन्हें मेरे जैसे एक छोटे सहयोगकर्ता को इग्नोर करना चाहिए, जो स्टेट बैंक का सारा पैसा वापस लौटाना चाहता है।’ शराब कारोबारी ने लिखा कि मुझसे सारा पैसा बिना शर्त के लिए लीजिए और मामला खत्म कीजिए।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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