अन्तर्राष्ट्रीय
कोरोनाः चीन की खुली पोल, रिपोर्ट में दावा, WHO को दी थी धमकी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस चीन से निकलकर दुनिया के लगभग सभी देशों में पहुंच गया है। इस वायरस से अब तक 2 लाख 91 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं संक्रमितों का आंकड़ा 42 लाख के पार पहुंच गया है।
यह वायरस अभी भी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यही कारण है कि ज्यादातर देश लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की मदद से इसकी चेन तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। कुछ देशों का मानना है कि यह चीन द्वारा बनाया गया वायरस है जो लीक हो गया। वहीं कुछ का कहना है कि वायरस की बात चीन ने छुपाई जिससे यह पूरी दुनिया में फैल गया।
इस बीच एक और रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि चीन ने डब्ल्यूएचओ को वैश्विक चेतावनी के लिए रोकने की धमकी दी थी। एक रिपोर्ट में अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के हवाले से दावा किया गया है कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी करने से रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को धमकी दी थी।
इससे पहले जर्मनी की फेडरल इंटेलिजेंस सर्विस को Bundesnachrichtendienst (बीएनडी) के हवाले से भी ऐसी रिपोर्ट सामने आ चुकी है।newsweek.com की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीआईए समझती है कि चीन ने WHO पर दबाव बनाया ताकि कोरोना पर दुनिया को अलर्ट करने में देरी की जा सके।
कथित तौर से चीन ने कोरोना के शुरुआती दिनों में WHO से कहा था कि अगर उसने वैश्विक चेतावनी जारी की तो वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोरोना पर जांच में सहयोग करना बंद कर देगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी के शुरुआती दिनों में चीन ने WHO को ये धमकी दी थी। ये भी आरोप लगाया गया है कि चीन इस दौरान अमेरिका सहित अन्य देशों में निर्मित पीपीई सहित अन्य मेडिकल इक्विपमेंट जमा करने में जुटा हुआ था।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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