प्रादेशिक
ओडिशा में कोरोनाः एक दिन मे सामने आए सबसे ज्यादा मामले
भुवनेश्वर। ओडिशा में कोरोना के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को यहां एक दिन में सबसे ज्यादा केस सामने आए। जानकारी के मुताबिक यहां एक दिन में 20 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 205 हो गई है।
ताजा 20 मामलों में से 17 गंजम जिले के हैं और 3 मयूरभंज जिले के हैं। सूचना और जनसंपर्क विभाग ने कहा कि सभी 20 मामलों की पहचान सूरत से वापस आने वालों के रूप में की गई है और वे क्वारंटाइन में हैं।
मयूरभंज कोविड-19 से प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हो गया, वहीं गंजम में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। जगतसिंहपुर में भी बुधवार को 4 पॉजिटिव मामले आए थे जिसके बाद वह भी कोरोना प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हो गया। राज्य में 205 मामलों में से 142 सक्रिय मामले हैं, जबकि 61 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। इस बीमारी से राज्य में दो व्यक्तियों ने दम तोड़ा है।
अन्य राज्यों से लौटे लोग राज्य के लिए एक चुनौती साबित हुए हैं क्योंकि इससे यहां पॉजिटिव मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।अब तक 35,540 लोग ट्रेन, बस और अन्य वाहनों द्वारा राज्य में वापस आ चुके हैं। कुल 7,451 ओडिया लोग बुधवार को ओडिशा लौटे हैं। ओडिशा लौटने वालों के लिए 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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