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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोनाः अमेरिका का बड़ा दावा, लैब से वायरस फैलने का मिला सबूत

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को बेहाल कर दिया है। इस जानलेवा वायरस से अमेरिका के अब तक 62 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

वहीं, 11 लाख से ज्यादा कोरोना से संक्रमित हैं। हर दिन हजारों की संख्या में हो रही मौत से अमेरिकी सरकार टेंशन में आ गई है। वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच जुबानी जंग हर दिन के साथ बढ़ती चली जा रही है।

हाल ही में चीन ने एक वीडियो जारी कर अमेरिका का मजाक उड़ाने की कोशिश की। वीडियो में कोरोना से हो रही अमेरिकी लोगों की मौत का जिम्मेदार चीन ने अमेरिका को ही बताया है।

इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि इस बात का बड़ा सबूत है कि कोरोना वायरस का संक्रमण चीनी लैब से फैला। हालांकि, माइक पोम्पियो ने मीडिया को कोई सबूत मुहैया नहीं कराया।

दुनिया के कई देश काफी वक्त से वुहान स्थित चीनी लैब को शक की निगाह से देख रहे हैं। इस लैब में कोरोना वायरस पर रिसर्च किया जाता था। हालांकि, चीन ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है। एबीसी न्यूज के साथ इंटरव्यू में रविवार को माइक पोम्पियो ने चीन पर बड़ा आरोप लगाया और सबूत की बात कही

उन्होंने कहा- काफी बड़ा सबूत मौजूद है कि ये कहां से फैला। मैं आपको बता सकता हूं कि वुहान की लैब से इसके फैलने को लेकर काफी अहम सबूत मौजूद है।

हालांकि पॉम्पियो इंटरव्यू के दौरान कंफ्यूज नजर आए। उनसे जब पूछा गया कि कोरोना के इंसानों द्वारा तैयार किए जाने की खबर को खुद अमेरिकी इंटेलीजेंस नकार चुका है तो उन्होंने कहा कि वह सही हैं मैं उनसे सहमत हूं।

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने चीन पर इस तरह के आरोप लगाए हैं। पॉम्पियो से पहले राष्ट्रपति ट्रंप भी चीन पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा चुके हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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