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प्रादेशिक

कोरोना से जंगः निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा और नितिन मिश्र ने दान किए 600 फेस शील्ड

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के जंग लड़ रहे फ्रंट लाइन कोविड-19 कर्मियों व मीडिया पर्सन के बचाव के लिए बॉलीवुड ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।

बॉलीवुड निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा और नितिन मिश्रा फिल्म निर्माता ( निदेशक रुद्राक्ष ग्रुप ) की ओर से फ्रंट लाइन कोविड-19 कर्मियों के लिए 500 फेस शील्ड प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास के. रावेन्द्र नाइक के माध्यम से जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश को दिए गए। साथ ही 100 फेस शील्ड मीडिया कर्मियों के लिए अलग से डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश को भेंट किए।

इससे पहले भी निर्माता-निर्देशक नितिन मिश्रा ने यूपी के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा व कानून मंत्री बृजेश पाठक से मिलकर उन्हें 1000 फेस शील्ड स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिसकर्मियों को दिए थे।

बॉलीवुड निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा और नितिन मिश्रा समय समय पर समाज में रहे लोगों की मदद के लिए उन्हें योगदान देते आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

वरिष्ठ आईएएस दीपक कुमार बने यूपी के नए अपर मुख्य सचिव गृह

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लखनऊ। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक कुमार यूपी के नए अपर मुख्य सचिव गृह बनाए गए हैं। चुनाव आयोग ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने छह राज्यों- गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गृह सचिव को हटाने के आदेश जारी किए थे। साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया था।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) को हटाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की थी। इलेक्शन कमीशन ने बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को भी हटा दिया था। आयोग ने सचिव जीएडी मिजोरम और हिमाचल प्रदेश को भी हटा दिया था, जो संबंधित सीएम कार्यालय में प्रभार संभाल रहे थे।

इन सात राज्यों में जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री के कार्यालय में दोहरे प्रभार थे, जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान जरूरी निष्पक्षता, खासकर कानून व्यवस्था सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर भी समझौता कर सकते थे। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को 2016 में सूबे के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी सक्रिय चुनाव ड्यूटी से हटा दिया था। महाराष्ट्र ने कुछ नगर आयुक्त और कुछ अतिरिक्त/उप नगर आयुक्त के संबंध में चुनाव आयोग के निर्देश नहीं माने थे, जिन्हें 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के वक्त बताया गया था।

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