नेशनल
नेटवर्क नहीं मिला तो पेड़ पर ही खोल लिया कोचिंग सेंटर, बच्चों को पढ़ा रहे ऑनलाइन
कोलकाता। कोराना वायरस की वजह से इस समय पूरे भारत में लॉकडाउन चल रहा है। देश में यह लॉकडाउन 3 मई तक के लिए किया गया है। इसके बाद ताजा स्थिति के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार आगे का फैसला करेगी।
लॉकडाउन की वजह से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन कुछ लोग इन दिक्कतों को देसी जुगाड़ से ठीक कर ले रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं सुब्रतो। पश्चिम बंगाल के रहने वाले सुब्रतो पेशे से शिक्षक हैं।
लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल कॉलेज बंद है ऐसे में सुब्रतो बाकी शिक्षकों की तरह ही बच्चों को ऑनलाइन क्लास देने की सोची। लेकिन गांव में होने की वजह से नेटवर्क की बहुत समस्या आ रही थी।
West Bengal:Subrato Pati,a teacher from a village in Bankura has set up his workspace on a tree,so that he can take online classes without network disruptions."We don't get network signals everywhere in our village.I take different classes from 9:30 am to 6:00 pm",he said.(22.04) pic.twitter.com/5EdxEYlaMc
— ANI (@ANI) April 23, 2020
इसके बाद उन्होंने पेड़ को ही अपना आशियाना बना लिया और वहीं से बच्चों को ऑनलाइन क्लास देने लगे। बांकुरा जिले के रहने वाले सुब्रतो ने बताया कि हमें अपने गांव में हर जगह नेटवर्क सिग्नल नहीं मिलते हैं।
मैं सुबह 9:30 से शाम छह बजे तक अलग-अलग कक्षाएं लेता हूं। पेड़ की ऊंचाई पर नेटवर्क अच्छे आते हैं। इस लिए उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र पेड़ पर ही स्थापित कर लिया है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे
-
मनोरंजन3 days ago
सुप्रिया श्रीनेत पर कंगना का पलटवार, कहा- हर महिला गरिमा की हकदार है
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी की टिप्पणी से भारत नाराज, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
-
नेशनल2 days ago
बीजेपी ने तीन राज्यों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट की जारी, PM मोदी, शाह और योगी के नाम शामिल
-
नेशनल22 hours ago
शिवसेना-शिंदे गुट के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, मोदी-शाह समेत कई बड़े नाम शामिल
-
नेशनल22 hours ago
ईडी ने सुनीता केजरीवाल के रिश्तेदार के घर पर मारा छापा, जानें क्या है मामला
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
-
नेशनल21 hours ago
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज