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प्रादेशिक

शिवराज सरकार की कैबिनेट का विस्तार, सिंधिया के करीबियों को भी मिली जगह

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद दोबारा सत्ता में लौटे शिवराज सिंह ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर किया।

राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के 29 दिनों के बाद हुए कैबिनेट का विस्तार किया है। नई कैबिनेट में 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों को भी जगह दी गई है। शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन में मंत्री समेत कई नेता मास्क पहने हुए भी नज़र आए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।

शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम

नरोत्तम मिश्रा

कमल पटेल

मीना सिंह

तुलसीराम सिलावट

गोविंद सिंह राजपूत

आपको बता दें कि इनमें से तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में होती है। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में आए सिंधिया का सरकार गठन में बड़ा रोल रहा है।

राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी नए मंत्रियों को शपथ दिलवाई। इस दौरान भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी वहां पर मौजूद रहीं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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