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प्रादेशिक

उत्तर प्रदेश में 78% पुरूष जबकि 22% महिलाएं कोरोना पॉजिटिव

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उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 78% पुरूष जबकि 22% महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गयी हैं। प्रदेश में अब प्रतिदिन 2,000 से अधिक सैम्पल टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 31,726 लोगों के सैम्पल टेस्ट किए गए हैं, जिसमें से 30,550 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों में 0-20 आयु वर्ग के 19.39%, 21-40 आयु वर्ग के 48.04%, 41-60 आयु वर्ग के 24.06% और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की संख्या 8.5% है।  यूपी में अब तक 129 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं व प्रदेश में 15 टेस्टिंग लैब क्रियाशील हैं।

अपने पिता के अंतिम संस्कार में इस वजह से नहीं जाएंगे सीएम योगी

 

देश के 08 जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। प्रदेश के 52 जिलों से अब तक 1,176 कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 1,030 मामले एक्टिव हैं। यूपी में 1,020 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में और 10,336 लोगों को फैसिलिटी क्वारंटाइन में रखा गया है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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