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नेशनल

कोरोना वायरस के भारत में 1063 नए मामले आए सामने, संख्या बढ़कर हुई 15 हजार के पार

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नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों में कुल 1063 कोरोना के नए मामलों आए हैं। इसी के साथ रविवार को कुल संक्रमित लोगों की संख्या 15707 हो गई है। ये आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह नए आंकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्तमान में कुल 12,969 कोविड-19 महामारी से संक्रमित हैं। मंत्रालय ने कहा, “उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए कुल 2,230 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि महामारी के चलते 507 लोगों की मौत हुई है।”

स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, देशभर में शनिवार सुबह तक कम से कम 11,906 एक्टिव मामले थे। महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की सूची में महाराष्ट्र कुल 3,323 मामलों के साथ पहले स्थान पर बना हुआ है। इसके बाद 1,867 मामलों के साथ दिल्ली, 1,323 के साथ तमिलनाडु और 1,355 मामलों के साथ मध्यप्रदेश का स्थान है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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