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नेशनल

मौलाना साद ने जारी किया नया ऑडियो, कही ये बात

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नई दिल्ली। तबलीगी जमात मरकज प्रमुख मौलाना साद ने नया ऑडियो जारी किया है। इस ऑडियो में मौलाना कह रहे हैं कि आपके पास धैर्य का होना बेहद जरूरी है। धैर्य से ही आप अपनी परेशानी का समाधान पा सकते हैं।

परेशानी दो तरह की है। पहली जो आपके अंदर है और दूसरी जो बाहर है। शासक का काम होता है कि वो अपने अनुयायियों को आगे लाने के लिए प्रोत्साहित करें। लेकिन वे मुकाबले की बात कर रहे हैं, इससे दूरियां बढ़ेंगी।

इस्लाम के मुताबिक सरकार लोगों के अधिकारों को दबा रही है। यह तरीका ठीक नहीं है। क्योंकि अगर आप उनके साथ संघर्ष करते हैं तो उन्हें लगता है कि आप उनसे बदला ले रहे हैं और अगर आप उनका समर्थन करते हैं तो वो मानते हैं कि हमने उनके सामने घुटने टेक दिए।

बता दें कि मौलाना साद और कई लोगों पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। दरअसल, पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में एक कार्यक्रम हुआ था।

इस कार्यक्रम से जुड़े कई लोग कोरोना से संक्रमित थे जो बाद में अपने घर लौटे और उनसे संपर्क में आए कई लोग भी इस वायरस की चपेट में आ गए। इसके बाद देश में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या में बड़ा इजाफा देखा गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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