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प्रादेशिक

योगी सरकार मुरादाबाद हिंसा के दोषियों को इस तरह सिखाएगी सबक

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद हिंसा में शामिल दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।
सीएम योगी ने कहा, ”मुरादाबाद में पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। ”
सीएम ने आगे कहा कि दोषियों पर की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी। जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें। 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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