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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर, 53 की मौत, 741 संक्रमित

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प्रतीकात्मक फोटो

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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोविड-19 (कोरोना वायरस) पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़कर 741 हो गई है। वहीं 53 लोगों की इस वायरस की वजह से जान जा चुकी है। राज्य में कोरोना से से ज्यादा प्रभावित इंदौर शहर है। यहां मरीजों की संख्या सबसे अधिक है।

स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार की शाम तक राज्य में मरीजों की संख्या 741 हो गई थी। इसमें इंदौर में 411, भोपाल में 158, जबलपुर में 12, ग्वालियर छह, उज्जैन में 26, मुरैना में 14, खरगोन में 17, बड़वानी में 17, छिंदवाड़ा में चार, विदिशा में 13, होशंगाबाद में 15, खंडवा में 15, देवास मेंसात, शाजापुर व रायसेन में चार-चार, श्योपुर में तीन, शिवपुरी, मंदसौर, रतलाम व सतना में दो-दो और बैतूल, सागर, टीकमगढ़ व अन्य राज्यों से आए एक-एक मरीज के नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं।

स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, मौत का आंकड़ा 53 हो गया है। अब तक इंदौर में 37, उज्जैन में छह, भापोल में पांच, खरगोन में तीन और देवास व छिंदवाड़ा में एक-एक मौत हुई है। वहीं अब तक 64 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर से 39 हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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