आध्यात्म
13 अगस्त (गुरूवार) : इन दो राशि वाले लोगों को मिलेगा शुभ समाचार
मेष राशि
भूमि भवन से संबंधित कार्यों में आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है। निराशा के बादल आपके जीवन से हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे। कारोबारियों के लिए समय अनुकूल है। आपकी आय बेहतर रहेगी। प्रेम-प्रसंगों में अनुकूलता बनी रहेगी। कार्यस्थल में आपके कामकाज की तारीफ होगी। आपकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा। इनके चारों ओर खुशियां ही खुशियां होगी। परिवार में माहौल शांतिपूर्ण और खुशनुमा रहेगा।
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कन्या राशि
आप वयस्कों से सलाह लेकर व्यवसाय में सुधार देखेंगे। व्यापार पर बाहर की यात्रा नहीं करेंगे। बच्चे उच्च शिक्षा में प्रगति करेंगे। लॉकडाउन का ढंग से तो पालन करेंगे ही और लोगों को भी सचेत करेंगे। अनावश्यक चिंता बनी रहेगी। आप हर काम को सफलतापूर्वक करने में सफल रहेंगे।जिससे समाज में मान सम्मान के साथ आपकी लोकप्रियता और कीर्ति बढ़ेगी। परिवार में सुख शांति का माहौल बना रहेगा।
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आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
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