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प्रादेशिक

कोरोना राहत कार्य में आगे आया सीएमएस लखनऊ, दिए 01 करोड़ 90 लाख रुपए

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 सीएमएस लखनऊ ने कोरोना राहत कार्य के लिए मुख्यमंत्री को 01 करोड़ रूपए का एक और सहयोग किया है। अब तक विद्यालय ने 1 करोड़ 90 लाख रूपए का योगदान दिया है।

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. जगदीश गाँधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग पर भेंट कर उन्हें कोरोना राहत कार्य के लिए 1 करोड़ रूपए का चेक भेंट किया।

 

इससे पहले सी.एम.एस. ने कोरोना प्रभावित जरूरतमंदों की भोजन व्यवस्था के लिए नगर आयुक्त इन्द्रमणि त्रिपाठी को 50 लाख रूपए का चेक भेंट किया और उसके बाद लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को इण्डियन रेडक्रास सोसाइटी की ओर से किए जा रहे कोरोना राहत कार्य के लिए 20 लाख रूपए का आर्थिक योगदान दिया और लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से चलाई जा रही पांच जनता रसोईघरों के संचालन के लिए 20 लाख रूपए की सहायता दी है।

इस प्रकार सी.एम.एस. ने अब तक रूपए 1,90,00,000/- (एक करोड़ नब्बे लाख) रूपयों की धनराशि कोरोना पीड़ितों के सहायतार्थ दी है।

उत्तर प्रदेश

वरिष्ठ आईएएस दीपक कुमार बने यूपी के नए अपर मुख्य सचिव गृह

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लखनऊ। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक कुमार यूपी के नए अपर मुख्य सचिव गृह बनाए गए हैं। चुनाव आयोग ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने छह राज्यों- गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गृह सचिव को हटाने के आदेश जारी किए थे। साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया था।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) को हटाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की थी। इलेक्शन कमीशन ने बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को भी हटा दिया था। आयोग ने सचिव जीएडी मिजोरम और हिमाचल प्रदेश को भी हटा दिया था, जो संबंधित सीएम कार्यालय में प्रभार संभाल रहे थे।

इन सात राज्यों में जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री के कार्यालय में दोहरे प्रभार थे, जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान जरूरी निष्पक्षता, खासकर कानून व्यवस्था सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर भी समझौता कर सकते थे। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को 2016 में सूबे के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी सक्रिय चुनाव ड्यूटी से हटा दिया था। महाराष्ट्र ने कुछ नगर आयुक्त और कुछ अतिरिक्त/उप नगर आयुक्त के संबंध में चुनाव आयोग के निर्देश नहीं माने थे, जिन्हें 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के वक्त बताया गया था।

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