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प्रादेशिक

कोरोना से वाराणसी में हुई पहली मौत, 4 इलाकों में लगा कर्फ्यू

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नई दिल्ली। कोरोना की वजह से वाराणसी में पहली मौत की खबर है। मृतक गंगापुर का रहने वाला था जो टेस्ट में पॉजिटव पाया गया था। जानकारी के मुताबिक मृतक डायबिटिज और दिल का मरीज था। इसके अलावा इलाके में एक महिला भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है जिसके बाद 4 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि शहर के चार इलाकों मदनपुरा, बजरडीहा, लोहता और गंगापुर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि रविवार को दो नए पॉजिटिव केस सामने आए।

पहला मामला बजरडीहा इलाके का है जहां जेद्दा से लौटी महिला पॉजिटिव पाई गई जबकि दूसरा मामला गंगापुर के कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत से जुड़ा है।

इन दोनों की बीती देर रात रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे पहले वाराणसी में 5 पॉजिटिव मामले सामने आए थे, जिनका इलाज चल रहा है। अच्छी बात यह है कि इन 5 मरीजों में एक फूलपुर का मरीज भी है जो ठीक हो चुका है। यह मरीज 15 मार्च को कोलकाता से वाराणसी से लौटा था। मरीज की मौत दो दिन पहले हो गई थी लेकिन उसकी रिपोर्ट रविवार को सामने आई जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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