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प्रादेशिक

हरियाणा में कोरोना वायरस से पहली मौत, बुजुर्ग ने तोड़ा दम

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चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना वायरस की वजह से गुरूवार को एक बुजुर्ग ने दम  तोड़ दिया। राज्य में कोरोना वायरस के कारण हुई यह पहली मृत्यु है। कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गंवाने वाले 67 साल के यह बुजुर्ग अंबाला के निवासी थे।

चंडीगढ़ स्थित पीजीआई अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 31 मार्च को उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती करवाया गया था। मंगलवार शाम को उनका सैंपल लिया गया था।

बुधवार दोपहर उनकी रिपोर्ट आई जिसमें वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गवाने वाले यह बुजुर्ग टिंबर मार्केट अंबाला छावनी के निवासी व सिंडिकेट बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी थे।

कोरोना वायरस से हुई 67 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु के बाद अंबाला के टिंबर मार्केट इलाके को पूरी तरह से सैनिटाइज करने का काम किया जा रहा है। हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अभी तक उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं आई है।

बताया जा रहा है कि वह दिल के मरीज थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, उनका बेटा और पुत्रवधू और एक पौत्री है। पुत्रवधू बैंक में कार्यरत हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इन सभी परिजनों की जांच करवा रहा है साथ ही इन सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन भी किया गया है।

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक लॉक डाउन से पहले यह बुजुर्ग लगातार स्थानीय गुरुद्वारे जा रहे थे। अब गुरुद्वारे में उनके संपर्क में आए लोगों की जांच भी शुरू कर दी गई है। इतना ही नहीं गुरुद्वारा में सैनिटाइजेशन का काम भी शुरू कर किया गया है।

कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गवाने वाले बुजुर्ग को 2017 में स्वाइन फ्लू भी हुआ था। इसके अलावा वह शुगर, ह्दय रोग और बीपी के मरीज भी थे। पीजीआई भर्ती करने से एक दिन पहले उन्हें अंबाला छावनी के लाइफ लाइन अस्पताल में भी एडमिट करवाया गया था।

इसके बाद 31 मार्च को उन्हें छावनी के नागरिक अस्पताल में फ्लू ओपीडी में ले जाया गया, जहां से उन्हें सीधे पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया। वहीं पर उन्होंने दम तोड़ा।

वहीं, केंद्रीय गुप्तचर एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा इनपुट दिए जाने के बाद हरियाणा में तबलीगी जमात के मरकज से आए 500 से अधिक व्यक्तियों को क्वारंटीन किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में निजामुद्दीन क्षेत्र की असावधानी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हमें पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) से इनपुट मिले हैं कि कुछ कोरोना पॉजिटिव लोगों ने मार्च के महीने में देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में एक जमात में भाग लिया।

हरियाणा ने इस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए दिल्ली के निजामुद्दीन से हरियाणा में आए 500 से अधिक लोगों को न्यूनतम 14 दिनों की अवधि के लिए क्वारंटीन में भेज दिया है।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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