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प्रादेशिक

कोरोनाः मध्य प्रदेश में 20 नए मामले, संख्या बढ़कर हुई 86

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प्रतीकात्मक फोटो

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भोपाल। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोनावायरस के संक्रमण का असर व्यापारिक नगरी इंदौर में नजर आ रहा है। यहां 20 नए मामले सामने आए हैं। इस तरह इंदौर में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा 86 है। अब तक छह लोगों की मौत हुई है।

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर से जांच के लिए भेजे गए नमूनों में से मंगलवार देर रात 20 और नमूनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस तरह यहां मरीजों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। सिर्फ एक दिन में इंदौर में 37 नए मरीज सामने आए है।

इसके अलावा भोपाल में चार, जबलपुर में आठ, ग्वालियर व शिवपुरी में दो-दो और उज्जैन में छह मरीज हैं। इस तरह राज्य में अब कोरोना के पाजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “कोरोना के खिलाफ राज्य में जंग जारी है। पूरे प्रदेश को टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है। जहां तक इंदौर की बात है, पूरी तरह सीमाओं को सील कर दिया गया है। यहां के कुछ हिस्सों में मुहल्लों विशेष में इस वायरस का संक्रमण बहुत ज्यादा फैला है। घबराने और चिंता करने की जरूरत नहीं है।”

सूत्रों का कहना है कि इंदौर में रानीपुरा, नयापुरा, दौलतगंज, हाथीपाला आदि वे स्थान हैं, जहां बड़ी संख्या में लोगों को क्वोरंटीन में रखा गया है। उन्हीं में से नए मरीज सामने आए हैं। आने वाले समय में यहां मरीजों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। राज्य में अब तक कोरोना पीड़ित छह लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें तीन इंदौर, दो उज्जैन और एक खरगोन का निवासी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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