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प्रादेशिक

INDIA LOCKDOWN : घर-घर पहुंचाया जाएगा ज़रूरी सामान, घबराएं नहीं – सीएम योगी

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यूपी के सीएम योगी ने देश में हुए संपूर्ण  लॉकडाउन का पालन करने की बात लोगों से कही है। इस दौरान उन्होंने लोगों को परेशान न होकर घर में रहकर कोरोना से लड़ने के लिए कहा है।

जनता को खास संदेश देते हुए उन्होंने कहा – आप सबसे आग्रह है कि अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए PM मोदी की 21 दिन की लॉकडाउन की अपील का अक्षरशः पालन करें।  हम शपथ लें कि अपने घर के दरवाजे को लक्ष्मण रेखा समझकर घर मे ही रहेंगे,बाहर एकदम नहीं निकलेंगे। हम सब मिल कर ही मानव सभ्यता के लिए इस बड़े खतरे से निपट सकते है।

BREAKING : कोरोना को हराने के लिए भारत 21 दिनों तक लॉकडाउन

इसके साथ साथ उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश सरकार जन जन को, सभी प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के लिए हर व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। इसके लिए आपके घरों तक ज़रूरी सामान पहुंचाने की सुविधा बनाई जा रही है।  जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि लोग अपने-अपने घरों में रहें और इस वैश्विक महामारी से लड़ने में अपना सहयोग दें।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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