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प्रादेशिक

मप्र में बारिश, पारा लुढ़का

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भोपाल| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों में सोमवार को बादल घिरे हुए हैं। राज्य में रविवार को बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बारिश तथा ओलावृष्टि की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण रविवार को राजधानी भोपाल के अलावा विभिन्न स्थानों पर हवाएं चली और बारिश हुई। सोमवार को भी बादल घिरे हुए हैं। अगले 24 घंटे के दौरान बारिश होने के आसार हैं।

विभाग ने बताया कि जबलपुर, शहडोल, रीवा, ग्वालियर, चंबल संभागों में गरज के साथ बारिश के आसार हैं, जबकि भोपाल, सीधी, रीवा, शहडोल, अनुपपुर, मंडला, अशोकनगर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, इंदौर, उज्जैन और देवास में ओलावृष्टि हो सकती है।

मौसम में आए बदलाव से राज्य के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

इधर, सोमवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 18़ 2 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 16 डिग्री, ग्वालियर का 19़ 5 डिग्री और जबलपुर का 19़ 2 डिगी सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, रविवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 30़ 8 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 29़ 8 डिग्री, ग्वालियर का 32़ 2 डिग्री और जबलपुर का 31़ 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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