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प्रादेशिक

बॉलीवुड को फिर रास आने लगा धरती का स्वर्ग

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kashmir dull lake

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शेख कयूम/आदिल मीर

श्रीनगर। कश्मीर के साथ बॉलीवुड का रोमांस 1960 के दशक में शुरू हुआ। 1970 और 1980 के दशक में यह मोहब्बत और गहरी हुई, लेकिन कश्मीर घाटी में हिंसा की वजह से दो दशकों से अधिक समय तक यह इश्क, यह मोहब्बत सिसकती रही। इस वजह से बॉलीवुड ने शूटिंग के लिए यूरोप और अमेरिका का रुख कर लिया, लेकिन बॉलीवुड अब एक बार फिर अपने पुराने प्यार की तरफ लौट आया है।

कश्मीर घाटी से बॉलीवुड फिल्मकारों की इस मोहब्बत को बनाए रखने के उद्देश्य से राज्य सरकार यहां शूटिंग के दौरान हरसंभव मदद की पेशकश कर रही है। जम्मू एवं कश्मीर पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक एवं पर्यटन निदेशक फारूक अहमद शाह ने बताया कि हम ज्यादा से ज्यादा बॉलीवुड हस्तियों के घाटी में आने की उम्मीद करते हैं, क्योंकि हम उनका खुले दिल से स्वागत करते हैं। हमारे पास दुनिया में सबसे किफायती और सबसे खूबसूरत लोकेशन हैं।

स्थानीय होटल संचालक भी बेहद खुश हैं। पहलगाम के ‘पाइन एंड पीक’ होटल के आसिफ बुर्जा ने बताया कि हमने अपने होटल में कई फिल्म यूनिटों की मेहमानवाजी की। हम उनकी ज्यादा से ज्यादा सेवा करना चाहते हैं। हम शांति एवं खूबसूरती का पैगाम आगे ले जाना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आएं। ‘जब तक है जान’ फिल्म की शूटिंग के दौरान फिल्म निर्देशक यश चोपड़ा (दिवंगत) और उनकी फिल्म के कलाकार इसी होटल में ठहरे थे।

पिछले साल एक चुनावी रैली को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बॉलीवुड के कश्मीर घाटी लौटने की जरूरत दोहराई थी, जिससे दोनों को फायदा हो। बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने ‘जब तक है जान’ की शूटिंग के दौरान कहा था, “कश्मीर एक खूबसूरत जगह है। अगर एक व्यक्ति कश्मीर में कहीं भी कैमरा रखे, तो वह इसकी खूबसूरती को सराह पाने में समर्थ होगा। हम हमें यहां मिले आतिथ्य सत्कार और सुविधाओं को हमेशा याद रखेंगे।” पिछले साल कश्मीर में आई भयावह बाढ़ के बाद ‘फितूर’ फिल्म की टीम यहां शूटिंग करने लौटी है।

कश्मीर घाटी के लाइन प्रोड्यूसर (एक तरह के फिल्म निर्माता) खावेर जमशीद ने बताया, “फितूर’ की शूटिंग घाटी में होनी थी, लेकिन बाढ़ ने इसमें खलल डाल दी। उसके बाद फिल्म की यूनिट ने पोलैंड जाने की योजना बना ली। हमने उनसे कश्मीर का शेड्यूल रद्द न करने की दरख्वास्त की। यहां सब ठीक हो जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद वे शेड्यूल रद्द न करने के लिए मान गए।” ‘फितूर’ की टीम शूटिंग के लिए यहां इस माह के अंत में आ रही है।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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