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प्रादेशिक

कोरोना का शिकार हुआ ये भारतीय परिवार, एकसाथ पांच लोग हो गए संक्रमित

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 कोरोना वायरस के भारत में कुल 34  मामले सामने आए थे,  ताज़ा खबरों के मुताबिक केरल से भी एक ही परिवार के 5 लोगों की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, इसके साथ ही भारत में मरीजों की कुल संख्या 39 पहुंच गई है ।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ये परिवार कुछ दिन पहले ही इटली से वापस लौटा था,  जहां पर इस समय इस वायरस से प्रभावितों की संख्या अच्छी-खासी पहुंच गई है।

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केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि परिवार के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर अपनी यात्रा का विवरण नहीं दिया था, जिसकी वजह से इनकी जांच नहीं हो पाई। जिन पांच लोगों की जांच रिपोर्ट आई है उनमें एक बच्चा भी है ।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री की माने तो, ये बच्चा और उसके माता पिता हाल ही में इटली गए थे। वापस आने के बाद वह कुछ रिश्तेदारों से भी मिले हैं। वो रिश्तेदार ही अस्पताल पहुंचे थे,जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद उनको अस्पताल में अलग भर्ती किया गया। बाद में पीड़ित परिवार को भी अस्पताल में अलग रखा गया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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