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नेशनल

मोदी सरकार देने जा रही लोगों को बड़ी खुशखबरी, अब हर इतने महीने में बढ़ेगी सैलरी

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नई दिल्ली। नौकरी-पेशा लोगों को मोदी सरकार बड़ी सौगत देने जा रही है। दरअसल केंद्र सरकार ने महंगाई से निपटने के लिए एक प्लान तैयार किया है। जिसके तहत कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई के बोझ को कम करने के लिए नए महंगाई सूचकांक के हिसाब से वेतन बढ़ोतरी तय की जाएगी।

नियम के मुताबिक इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम करने वाले करीब 3 करोड़ कर्मचारियों की सैलरी महंगाई बढ़ने के हिसाब से हर 6 महीने में बढ़ेगी। जिससे कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई का असर कम हो।

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति ने इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा एक नया आधार तय किया है, जिनका महंगाई भत्ता इस महंगाई सूचकांक से जुड़ा होगा।

बता दें, पिछले महीने की 27 तारीख को मुख्य श्रम एवं रोजगार सलाहकार बी एन नंदा की अगुवाई में एक अहम बैठक हुई थी। जिसमें इंडस्ट्रियल सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक नई सीरीज के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) को मंजूरी दी गई थी। इसके लिए 2016 को आधार वर्ष बनाया गया था। एक अनुमान के मुताबिक मोदी सरकार के इस फैसले से देश में संगठित इंडस्ट्रियल सेक्टर के 3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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