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प्रादेशिक

बदमाशों ने स्कूल जा रही 15 साल की छात्रा का किया अपहरण, पुलिस बदमाशों की तलाश में

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उत्तर प्रदेश में वारदात रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है। अभी अभी आई जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नागल क्षेत्र में सोमवार सुबह बदमाशों ने स्कूल जा रही 15 साल की छात्रा का अपहरण कर लिया। वहां के लोगों की माने तो बदमाशों ने किशोरी को साइकिल से गिराया और उसके मुंह पर कपड़ा बांधकर कार में डालकर फरार हो गए।

सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग सका। कई थानों की पुलिस बदमाशों की तलाश में जुट गई है।

दगडोली गाँव निवासी एक 15 वर्षीय युवती सुबह करीब 9 बजे अपने गांव से कस्बे के स्कूल में पढ़ने आ रही थी। जैसे ही वह मीरपुर रेलवे फाटक पर पहुंची तो पहले से ही एक लाल रंग की कार में तीन युवक घात लगाए बैठे थे। युवती उनकी कार के पास से निकली तो तीनों ने उसे साइकिल से गिरा दिया और उसका मुंह बांधकर कार में डालकर ले गए। आसपास के लोगों ने शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी।

थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है जल्द ही युवती को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा। युवती के परिजनों ने तीन अज्ञात युवकों के विरुद्ध थाने में तहरीर दी है। सिंह ने कहा हमने आस पास के सभी इलाकों में पुलिस काे सतर्क कर दिया है। युवती के संबंध में जानकारी मिलते ही अवगत कराया जाएगा।पुलिस बदमाशों को पकड़ने की तलाश में जुटी हुई है। जल्द ही उनको धरदबोचा जायेगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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