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नेशनल

कपिल सिब्बल का मोदी सरकार पर पलटवार, बोले-आपने वाजपेयी की नहीं सुनी हमारी क्या सुनेंगे

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दिल्ली में हुई हिंसा पर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के कांग्रेस पार्टी पर दिए बयान पर कपिल सिब्बल ने पलटवार किया है।

कपिल सिब्बल ने शनिवार को एक ट्वीट किया, ‘कानून मंत्री कांग्रेस से कहते हैं कि प्लीज, हमें राजधर्म न सिखाएं। हम कैसे आपको सिखा सकते हैं मंत्री महोदय। जब आपने गुजरात में वाजपेयी जी की नसीहत नहीं सुनी, आप हमें क्यों सुनेंगे। सुनना, सीखना और राजधर्म का पालन करना आपके मजबूत बिंदुओं में से एक नहीं है।’

दरअसल साल 2002 में जब गुजरात में दंगे भड़के थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस वक्त के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से राजधर्म का पालन करने को कहा था।

गुजरात दंगों में सैकड़ों लोग मारे गए थे। बता दें कि दिल्ली हिंसा के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर राष्ट्रपति से अपील की थी वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराएं और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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