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प्रादेशिक

बीजेपी का सोनिया गांधी को जवाब, रविशंकर बोले-राजधर्म के नाम पर लोगों को न भड़काए

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वे हमें राजधर्म का उपदेश नहीं दें। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वे हमें राजधर्म का उपदेश नहीं दें।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति के पास गई और राजधर्म की बात की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को लेकर पार्टी का एक स्टैंड रहा है।

अशोक गहलोत, शिवराज पाटिल ने भी तब इसकी मांग की थी। आपने इस राजधर्म के मसले को उठाया, अब हम इसे पूरा कर रहे हैं।

रविशंकर प्रसाद ने सोनिया गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि रामलीला मैदान में आपने उकसाने वाली भाषा का प्रयोग किया। आपकी ही सरकार ने 2010 में NPR का नोटिफिकेशन जारी किया, अगर आप करें तो ठीक लेकिन हम करें तो आप लोगों को भड़काना शुरू कर देते हैं।

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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