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प्रादेशिक

पकड़ा गया भड़काऊ भाषण देने वाला शरजील इमाम

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नई दिल्ली। भड़काऊ भाषण देने वाले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के स्कॉलर शरजील इमाम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शरजील को बिहार के जहानाबाद से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया।

इससे पहले पूछताछ के लिए उसके भाई को सोमवार रात को पुलिस ने हिरासत में लिया था। बता दें कि भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद शरजील को दिल्ली, बिहार, असम, अरुणाचल, मणिपुर और उत्तर प्रदेश पुलिस तलाश रही थी। उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज है।

रिपोर्ट के मुताबिक शरजील की गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस ने उसके छोटे भाई मुजम्मिल और शरजिल के दोस्त को हिरासत में लिया था।

शरजील के भाई से पूछताछ से मिली लीड के आधार पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसके बाद शरजील इमाम की गिरफ्तारी की गई। जहानाबाद के एसपी ने शरजील इमाम की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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