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प्रादेशिक

पासपोर्ट अधिकारी के घर सीबीआई का छापा, मिली लाखों की संपत्ति

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लखनऊ केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने शनिवार को एक असंगत संपत्ति के मामले में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के एक वरिष्ठ अधीक्षक के यहां छापेमारी की। यह कार्रवाई लखनऊ और वाराणसी के कई ठिकानों पर की गई।

सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में लखनऊ स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में वरिष्ठ अधीक्षक के रूप में तैनात विकास मिश्रा के आवासीय परिसर में केंद्रीय जांच एजेंसी की टीमों ने छापे मारे।

सूत्रों ने कहा कि चार स्थानों पर कार्रवाई की गई। इनमें से तीन लखनऊ और एक वाराणसी में हुई। अधिकारी के पास से 12 लाख नकदी, 5 लाख के गहने, 45 बैंक अकाउंट, 25 फिक्स डिपोजिट के दस्तावेज और दो बैंक लॉकर्स की जानकारी मिली हैं।

सीबीआई के सूत्रों ने कहा है कि घर के सामन को जब्त कर लिया गया है, जबकि अधिकारी के लॉकर्स के अंदर के सामान को जब्त करने के लिए सोमवार को टीम जाएगी।

आय से अधिक संपत्ति होने के चलते भारतीय दंड सहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत अधिकारी पर मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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