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प्रादेशिक

पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का 88 साल की उम्र में निधन

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बेंगलुरू। कर्नाटक में पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का रविवार को निधन हो गया है। उनके पार्थिव शरीर को दोपहर में बेंगलुरु में लाया जाएगा और आज शाम यहां के विद्यापीठ मठ आश्रम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

उनके निधन के बाद राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनकी हालत पिछले कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी। हालात बिगड़ने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर भी रखा गया था।

रविवार को ही उन्हें केएमसी अस्पताल से मठ ले जाया गया था और मठ में उनका इलाज जारी रहने की बात कही गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर शोक जताया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे विश्वेश तीर्थ स्वामीजी से सीखने के कई अवसर मिले।

हाल ही में गुरु पूर्णिमा के पावन दिन की बैठक भी यादगार रही। उनका ज्ञान हमेशा बना रहा. मेरे विचार उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ हैं।’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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