नेशनल
पीएम मोदी बोले- देश के मुसलमानों का CAA से कोई लेना-देना नहीं
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में 1734 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित की गई रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।
रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विविधता में एकता-भारत की विशेषता का नारा दिया। अपने संबोधन में नागरिकता कानून को लेकर भी खुलकर बात की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “आज ममता दीदी, कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई है, लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए।”
रामलीला मैदान से पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें रास्ते से हटाने के लिए लगातार साजिशें चलती रहती हैं। पीएम ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुसलिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है।
क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं? पीएम ने कहा कि सऊदी अरब, बहरीन, यूएई से भारत के रिश्ते सर्वोत्तम हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं।
उन्होंने कहा कि जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और NRC दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है। पीएम ने कहा कि CAA का फायदा नये शरणार्थियों को नहीं मिलेगा।
पीएम ने कहा, “ये एक्ट उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं, किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है।”
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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