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प्रादेशिक

दुष्कर्म का विरोध करने पर युवती को जिंदा जलाया, इलाज के दौरान हुई मौत

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पटना। हैदराबाद और उन्नाव केस के बाद अब इसी तरह की एक और घटना बिहार में सामने आई है। घटना मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र की है। यहां एक युवती को दुष्कर्म का विरोध करने पर उसे जिंदा जला दिया गया।

जानकारी के अनुसार युवती की उम्र 20 वर्षीय बताई जा रही है। युवती से उसके पड़ोसी ने दुष्कर्म का प्रयास किया, लेकिन युवती ने इसका विरोध किया। जिसके बाद गुस्साए आरोपी ने उसे जिंदा जला दिया।

युवती को इलाज के लिए पटना के अपोलो बर्न हास्पिटल लाया, लेकिन सोमवार को उसकी मौत हो गई। अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार को कहा था कि उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी हालत गंभीर थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक युवती 95 फीसदी तक झुलस चुकी थी। यह जघन्य अपराध अहियापुर थाना क्षेत्र में सात दिसंबर की रात को हुई थी, लेकिन इस बात की जानकारी तब मिली, जब युवती को गंभीर हालत में अगली शाम मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में शिफ्ट किया गया।

पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी पड़ोसी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित के पिता ने कहा है कि हम सरकार से न्याय की मांग करते हैं, पुलिस आरोपी पर कड़ी कार्रवाई करें।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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