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आईपीएल-8 : सुपरकिंग्स ने सनराइजर्स को 45 रनों से हराया

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चेन्नई | एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में शनिवार को खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आठवें संस्करण के चौथे मैच में चेन्नईसुपर किंग्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को 45 रनों से हरा दिया। सनराइजर्स के सामने जीत के लिए 210 रनों का लक्ष्य था लेकिन टीम निर्धारित ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर केवल 164 रन ही बना सकी।

कप्तान और सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने टीम की ओर से सवार्धिक 53 रनों का योगदान दिया। अपने 42 गेंदों की पारी में वार्नर ने तीन छक्के और एक चौका लगाया। सुपरकिंग्स की ओर से मोहित शर्मा और ड्वायन ब्रावो ने दो-दो विकेट हासिल किए। ईश्वर पांडे तथा रविचंद्रन अश्विन को एक-एक सफलता मिली। वार्नर तथा शिखर धवन (26) ने उम्मीद के मुताबिक टीम को तेज शुरुआत दिलाई। दोनों बल्लेबाजों के बीच पहले विकेट के लिए 30 रनों की साझेदारी हुई। चौथे ओवर में हालांकि मोहित शर्मा ने धवन को रवींद्र जडेजा के हाथों कैच कराकर सनराइजर्स को पहला झटका दिया। धवन ने 18 गेंदों में पांच चौके लगाए। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए लोकेश राहुल भी केवल पांच रन बनाकर छठे ओवर की आखिरी गेंद पर मोहित के लगातार दूसरे शिकार हुए। दो झटके लगने का असर टीम की रन गति पर नजर आया और यहां से सुपरकिंग्स को वापसी का मौका मिल गया।

वार्नर और नमन ओझा (15) ने तीसरे विकेट के लिए 33 गेंदों में 45 रनों की साझेदारी कर संघर्ष जारी रखा। अश्विन ने हालांकि 12वें ओवर में ओझा और फिर ईश्वर ने 15वें ओवर में वार्नर को आउट कर चेन्नई की जीत करीब-करीब तय कर दी। रवि बोपारा (22) और केन विलियमसन (26 नाबाद) ने आखिरी में जरूर कुछ संघर्ष दिखाया लेकिन बड़े लक्ष्य के सामने यह काफी नहीं था। इससे पूर्व धुरंधर सलामी बल्लेबाज ब्रेंडन मैक्लम (100 नाबाद) की विस्फोटक पारी की बदौलत चेन्नई सुपरकिग्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट के नुकसान पर 209 रन बनाए। सुपरकिंग्स के बल्लेबाजों ने आखिरी दस ओवरों में 120 रन जोड़े।

मैक्लम ने अपने 56 गेंदों की पारी में नौ छक्के और सात चौके लगाए। मैक्लम ने 20वें ओवर की आखिरी तीन गेंदों पर छक्का, चौका और फिर एक रन के साथ अपना शतक पूरा किया। सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से एकमात्र सफल गेंदबाज ट्रेंट बाउल्ट रहे। उन्होंने आखिरी ओवर की दूसरी गेंद पर महेंद्र सिंह धौनी (53) को डेविड वार्नर के हाथों कैच कराकर यह सफलता हासिल की। पवेलियन लौटने से पूर्व धौनी ने मैक्लम के साथ तीसरे विकेट के लिए 35 गेंदों में 63 रनों की साझेदारी की। धौनी ने 29 गेंदों की पारी में चार चौके और चार छक्के लगाए।

इससे पूर्व, पारी की शुरुआत करने उतरे ड्वायन स्मिथ (27) और मैक्लम ने पहले ही विकेट के लिए 49 गेंदों में 75 रन जोड़ कर अपने मंसूबे साफ कर दिए। स्मिथ नौवें ओवर की पहली गेंद पर बाउल्ट द्वारा रन आउट किए गए। स्मिथ के बाद बल्लेबाजी करने आए सुरेश रैना भी 14 रन बनाकर रन आउट हुए। मैक्लम और रैना के बीच 32 गेंदों में 60 महत्वपूर्ण रनों की साझेदारी हुई। रवींद्र जडेजा भी बिना खाता खोले आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर रन आउट होकर पवेलियन लौटे। सुपर किंग्स के तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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