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फांसी देने से पहले कैदी के कान में ये बोलता है जल्लाद..

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नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगारों को भी अब अपनी मौत का डर सताने लगा है। खबर है कि निर्भया के चारों गुनहगारों को इसी महीने फांसी दी जा सकती है। अब तिहाड़ जेल प्रशासन को राष्ट्रपति के पास भेजी गयी दोषी विनय शर्मा की दया याचिका के खारिज होने का इंतजार है। जेल अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजे जाने के बाद से ही जेल में दोषी की फांसी की तैयारी शुरू कर दी जाती है।

आपको बता दें कि किसी को फांसी देते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। जिसके बिना फांसी की प्रक्रिया अधूरी मानी जाती है। फांसी की सजा फाइनल होने के बाद डेथ वारंट का इंतजार होता है। दया याचिका खारिज होने के बाद ये वारंट कभी भी आ सकता है। वॉरंट में फांसी की तारीख और समय लिखा होता है। डेथ वॉरंट जारी होने के बाद कैदी को बताया जाता है कि उसे फांसी होने वाली है। उसके बाद कैदी के परिवार को फांसी से 10-15 दिन पहले सूचना दे दी जाती है ताकि आखिरी बार परिवार के लोग कैदी से मिल सकें। जेल में कैदी की पूरी चेकिंग होती है। उसे बाकी कैदियों से अलग सेल में रखा जाता है।

आगे की बात करने से पहले आपको बता दें कि फांसी के वक्‍त मुजरिम के साथ जल्‍लाद के अलावा तीन अधिकारी होते हैं जिनमें जेल सुप्रीटेंडेंट, मेडिकल ऑफिसर और मजिस्ट्रेट शामिल हैं। लेकिन फांसी के फंदे तक ले जाने का काम जल्‍लाद का है और मौत से ठीक पहले आखिरी वक्‍त में वो ही मुजरिम के पास होता है। बता दें कि इस पूरे नियम-कानून के बीच सबसे बड़ा और सबसे मुश्किल काम जल्लाद का ही होता है। फांसी देने से पहले जल्लाद अपराधी के कानों में कुछ बोलता है जिसके बाद वह चबूतरे से जुड़ा लीवर खींच देता हैं। अगर अपराधी हिंदू है तो जल्‍लाद उसके कान में राम-राम कहता है और अगर मुस्‍लिम है तो सलाम। उसके बाद वो कहता है मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं, मैं आपके सत्य की राह पर चलने की कामना करता हूं।

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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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