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प्रादेशिक

लखनऊः बीजेपी कार्यालय के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठी चार्ज

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लखनऊ। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के विरोध में शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ के भाजपा मुख्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया।

पुलिस के रोकने पर कार्यकर्ता गेट के सामने बैठ गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसके बाद काफी अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने वहां मौजूद कार्यकर्ताओं को जबरन हटाया।

पुलिस के हटाने के बाद कार्यकर्ता विधानसभा के सामने पहुंच गए और वे वही सड़क पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार पर बिगड़ती कानून-व्यवस्था व बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार को रोक न पाने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में महिला कार्यकर्ता भी शामिल हुईं।

गौरतलब है कि गुरुवार को जिंदा जलाए जाने के बाद दुष्कर्म पीड़िता को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था। वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी। सफदरजंग अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि पूरे प्रयासों के बावजूद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका।

उन्होंने कहा, “शाम में उसकी (पीड़िता) हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमने बचाने की कोशिश की, लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई।”

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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