Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भारत से फरार नित्यानंद ने बनाया खुद का देश ‘कैलासा’, घोषित किया हिंदू राष्ट्र

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बलात्कार के आरोपों के बाद देश छोड़कर भाग चुका स्वयंभू बाबा नित्यानंद ने अपना एक अलग देश बना लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर से एक प्राइवेट आइलैंड खरीदने के बाद नित्यानंद ने उसका नाम ‘कैलासा’ रखा है।

इतना ही नहीं यह द्वीप त्रिनिदाद और टोबैगो के करीब स्थित है और इसे नित्यानंद द्वारा संप्रभु हिंदू राष्ट्र घोषित किया गया है। नित्यानंद के इस नए देश कैलासा का अपना एक अलग झंडा, पासपोर्ट और प्रतीक भी होगा। यह सारी जानकारी नित्यानंद ने अपनी वेबसाइट पर दी हैं।

कैलासा की वेबसाइट के अनुसार, “यह बिना सीमाओं वाला एक राष्ट्र है, जिसे दुनिया भर के ऐसे हिंदुओं ने बनाया है जिन्होंने अपने ही देशों में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने का अधिकार खो दिया है।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नित्यानंद ने अमेरिका की एक प्रसिद्ध कानूनी सलाहकार कंपनी की मदद से संयुक्त राष्ट्र में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उसने अपने देश को मान्यता देने की अपील की है।

‘कैलासा’ के दो पासपोर्ट हैं एक एक सुनहरे रंग का और दूसरा लाल रंग का। इसके झंडे का रंग मैरून है और इस पर दो प्रतीक हैं- एक सिंहासन पर नित्यानंद और दूसरा एक नंदी है। नित्यानंद ने अपने ‘देश’ के लिए एक कैबिनेट भी बनाई है और अपने एक करीबी अनुयायी ‘मा’ को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।

बता दें कि अपहरण के आरोप में नित्यानंद की तलाश पुलिस लंबे समय से कर रही है। नित्यानंद के अलावा दो सेविकाओं पर भी अपहरण का मामला दर्ज किया गया है।

नेशनल

मनीष सिसोदिया को राहत नहीं, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 6 अप्रैल तक के लिए बढ़ाई

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 6 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अब यह दूसरी होली होगी जो सिसोदिया की जेल में मनेगी।

उधर, कोर्ट ने AAP सांसद संजय सिंह को आज पेशी से छूट दी है क्योंकि उन्हें राज्यसभा की शपथ लेनी है। ईडी ने अर्जी दाखिल कर कहा कि आरोपियों ने करीब 95 अर्जी दाखिल की हैं, जिससे मामले के ट्रायल में देरी हो रही है। आरोपियों के वकील की तरफ से ED की याचिका का विरोध किया गया और कहा कि ज्यादातर अर्जी मौखिक रूप से की गई थीं।

आरोपियों के वकील ने कहा कि कोर्ट आदेश की कंप्लायंस के लिए ED ने एक साल का समय ले लिया और अब ED कह रही है कि आरोपियों की तरफ से मामले के ट्रायल में देरी की जा रही है।

Continue Reading

Trending