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नेशनल

संसद परिसर में प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर आप का प्रदर्शन

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नई दिल्ली। प्याज की बढ़ती कीमतों के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों ने मंगलवार को प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आप के दो राज्यसभा सदस्यों- संजय सिंह और सुशील कुमार ने बढ़ती कीमतों के लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन आपूर्ति मंत्री पर जमकर निशाना साधा।

संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करते हुए आप नेताओं ने केंद्र से सवाल किया कि प्याज आखिर क्यों इतनी डरावनी होती जा रही है, और उपभोक्ताओं को इसके लिए ऊंची कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। सिंह ने कहा, “इसमें कोई घोटाला प्रतीत होता है। हम यह मुद्दा संसद के अंदर भी उठाएंगे।”

बता दें कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार के बीच प्याज के दाम को लेकर ट्विटर वॉर छिड़ी हुई है। लगातार आम आदमी पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बीच कई बार सोशल मीडिया पर तू-तू मैं-मैं हुई है। दरअसल, आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से प्याज घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है। AAP सांसद संजय सिंह का कहना है कि पासवान जी कह रहे हैं 32 हजार टन प्याज सड़ गई। प्याज सड़ा सकते हो जनता को दे नहीं सकते? प्याज सड़ी है या घोटाला हुआ है?

AAP सांसद की ओर से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। इसी मुद्दे पर मंगलवार को सांसदों ने प्याज की माला टांग प्रदर्शन किया।

 

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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