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नेशनल

नागालैंड के 57वें स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागालैंड के 57वें स्थापना दिवस के मौके पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “नागालैंड के मेरे भाइयों और बहनों को उनके राज्य स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं। यह राज्य अपनी महान संस्कृति के लिए मशहूर है। नागालैंड के लोग दयालु और साहसी होते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आने वाले समय में नागालैंड प्रगति की नई ऊंचाइयों को हासिल करे।”म्यांमार की सीमा से लगा नागालैंड 1 दिसंबर, 1963 को भारत का 16वां राज्य बना।

नगालैंड भारत का उत्तर पूर्वी राज्य है जिसकी राजधानी कोहिमा है। पहाड़ियो से घिरे इस राज्य की सीमा म्यांमार से लगती है। यहां आदिवासी संस्कृति अहम है जिसमें स्थानीय त्योहार और लोक गायन काफी महत्वपूर्ण हैं। 2012 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 22.8 लाख है। मौजूदा मुख्यमंत्री का नाम नेफ्यू रियो है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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