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प्रादेशिक

महाराष्ट्र Live Updates: सुप्रीम कोर्ट में कल तक के लिए टली सुनवाई

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई है। रविवार को सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर 2 में हुई सुनवाई के बाद जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कल दोबारा सुनवाई करने का फैसला किया है।

रविवार सुबह 11.30 बजे शुरू हुई सुनवाई में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की ओर से कपिल सिब्बल व अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें रखकर सुप्रीम कोर्ट से तत्काल फ्लोर टेस्ट की मांग की। कोर्ट अब इस मामले की कल 10.30 बजे सुनवाई करेगा। कोर्ट ने गवर्नर का आदेश और समर्थन पत्र कल सुबह तक मांगा है।

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिसा जारी किया है। तुषार मेहता को सोमवार सुबह 10:30 बजे तक फडणवीस और अजित पवार का समर्थन पत्र दिखाने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्यपाल के आदेश को भी मांगा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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