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नेशनल

अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने पर बोले शरद पवार, इससे हमारा लेना-देना नहीं

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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल में राकांपा के नेता अजीत पवार द्वारा भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने का कदम “उनका व्यक्तिगत निर्णय है, राकांपा का नहीं।” राकांपा में विभाजन का संकेत देते हुए शरद ने कहा, “हम यह साफ करना चाहते हैं कि हम उनके फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।”

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अजीत पवार को करीब 15 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, साथ ही अन्य पार्टी और निर्दलीय विधायक भी हैं जो भाजपा गठबंधन को करीब 160 विधायकों के साथ समर्थन देंगे। उन्होंने आगे कहा, “समर्थन देने वाले सभी विधायकों की बैठक रविवार दोपहर को मुंबई में होगी।” ऐसी उम्मीद है कि शरद पवार शनिवार को बाद में प्रेस कांफ्रेस कर सकते हैं और आगे की जानकारी दे सकते हैं।

इस बीच राकांपाक के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के सर्वसम्मति से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की मंजूरी देने के बाद शनिवार दोपहर तक अंतिम निर्णय आने की उम्मीद के बावजूद अजीत पवार ने शुक्रवार रात भी कहा था कि ‘बातचीत बहुत लंबी खिंच रही है।’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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