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प्रादेशिक

महाराष्ट्रः सरकार गठन को लेकर सबकुछ हुआ तय, किसी भी समय हो सकता है एलान

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर लगभग एक महीने से चल रही सियासी खींचतान जल्द ही समाप्त हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच सरकार बनाने को लेकर सहमति बन गई है।

जानकारी के अनुसार तीनों पार्टी में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम सीएमपी को लेकर बात फाइनल हो चुकी है। दिल्ली में पिछले चार दिनों से सियासी सरगर्मियों के बाद शुक्रवार को मुंबई में तीनों दलों की बैठक में फैसले का औपचारिक एलान हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन सकते हैं लेकिन अगर वह सीएम पद के लिए राजी नहीं होते हैं तो संजय राउत को महाराष्ट्र की कमान मिल सकती है। वहीं उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को शिक्षा मंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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