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प्रादेशिक

शिवपाल ने दिए अखिलेश से सुलह के संकेत, कही ये बात

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लखनऊ प्रगतिशील समाज पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन के संकेत दिए हैं। इटावा में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि ‘हम चाहते हैं नेता जी के जन्मदिन (22 नवंबर) पर परिवार में एकता बढ़ जाए तो अच्छा है।

हमारा प्रयास है भतीजा समझ लेगा तो सरकार बना लेगा, मुख्यमंत्री हमें तो बनना नहीं है।’ अखिलेश मान जाएंगे तो 2022 में सरकार भी बना लेंगे। इसके साथ ही उनका कहना था कि सैफई में नेताजी के जन्मदिन पर परिवार को एकजुट होकर इसे मनाना चाहिए।

प्रसपा प्रदेशभर में 22 नवंबर को नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाने जा रही है। इस मौके पर शिवपाल ने परिवार के सभी लोगों को आमंत्रित किया है।

झारखण्ड

हेमंत सोरेने की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी के सभी पदों से दिया इस्तीफा, कहा- मेरे खिलाफ साजिश हो रही

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रांची। झारखंड के जामा से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और पूर्व सीएम हेमंत सोरेने की भाभी सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अध्‍यक्ष शिबू सोरेन को अपना इस्‍तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने अपने साथ उपेक्षा और गहरी साजिश रचने का आरोप लगाया। सीता सोरेन ने कहा कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है।

सीता सोरेन ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि मैं जेएमएम की केंद्रीय महासचिव और सक्रिय सदस्य हूं। साथ ही वर्तमान में पार्टी की विधायक भी हूं और अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा दे रही हूं। सीता सोरने ने आगे कहा कि मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी रहे। उनके निधन के बाद से मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहा है। पार्टी और परिवार के सदस्य हमें अलग-थलग कर रहे हैं. जो मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है।

उन्होंने कहा कि मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ हालात सुधर जाएंगे, लेकिन दुर्भा से ऐसा नहीं हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग और समर्पण, नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था। उन्होंने कहा कि आज वह पार्टी नहीं रही ये देखकर मुझे दुख होता है। पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गई है, जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते.सीता सोरेन पार्टी अध्यक्ष और अपने ससुर को लिखे पत्र में कहा कि बाबा ने सभी को एकजुट रखने की कोशिश की लेकिन इसके बाद भी सब विफल रहा। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ कोई गहरी साजिश रची जा रही है। इसलिए उन्‍होंने पार्टी और इस परिवार का साथ छोड़ने का निर्णय लिया है।

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