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प्रादेशिक

महाराष्ट्रः राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश, मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आई है। यहां पल-पल बदल रहे सियासी समीकरण केब बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है।

जानकारी के मुताबिक मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा कर दी है। दूसरी ओर शिवसेना ने राज्यपाल के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

शिवसेना का कहना है कि जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 48 घंटे का मौका दिया गया तो उन्हें 24 घंटे का वक्त ही क्यों दिया गया।

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मामले में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘माननीय राज्यपाल एनसीपी को दिया गया समय पूरा होने से पहले राज्य में  राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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